Details, Fiction and shiv chalisa in hindi
Details, Fiction and shiv chalisa in hindi
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थोड़ा जल स्वयं पी लें और मिश्री प्रसाद के रूप में बांट दें।
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने प्राचीन हनुमान मंदिर में पूजा किया
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥
जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
सांचों थारो नाम हैं सांचों दरबार हैं - भजन
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥
बुरी आत्माओं से मुक्ति के लिए, शनि के प्रकोप से बचने हेतु हनुमान चालीसा का Shiv chaisa पाठ करें
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
मात-पिता भ्राता सब होई। संकट में पूछत नहिं कोई॥
शिव भजन